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नहीं मिलती जगह,
मेरे शब्दों को कही तो
क्यों करूँ मैं मलाल..?हर किसी की सोच पर
खरा उतरना मेरे दिल को,
मंजूर नही, न ऐसा ख़्याल !!आखिर मैं लखती ही क्या हूँ
जो कोई समझे मुझे..चंद एहसास नहीं दुनिया
कल्पना की कामना इसे..झूठ कहना, मेरे बस की बात नहीं
सच सुनना, लोगो की आदत नहींमेरी लेखनी में सिर्फ मेरे विचार होते है,
इसीलिए बहुत से लोग, मेरे ख़िलाफ़ होते है।
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रचनाकार:- मीनाक्षी जैन✍
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