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कोई जलाया जाएगा
कोई दफनाया जाएगा।
जीवन ,मृत्यु का रस्म
इसी तरह निभाया जाएगा।।अगर चाहिए जीवन
मृत्यु से छुट्टी।
तो नियमित पिया करो
नेकी की घुट्टी।।वरना जीवन,मृत्यु के चक्रो में
इसी तरह नचवाया जाएगा।
कोई जलाया जएगा
कोई दफनाया जाएगा।।जीवन बेवफा है
जीवन अजूबा है।
मौत ही आखिर सबकी
महबूबा है।।पर समय से पहले जाना
दुखी करता हैं।
मौत का असमय आना
बहुत अखरता है।।जो आया उसको जाना
निश्चित है।
जीवन मौत से यह तन
सृजित है।।यह रीत न बदला है
न कभी बदला जाएगा।
कोई जलाया जाएगा
कोई दफनाया जाएगा।।जीवन,मृत्यु का रस्म
इसी तरह निभाया जाएगा?
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रचनाकार:- कवि कुमार पिंटू✍
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|| धन्यवाद||
बहुत खूब
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